Monday, September 15, 2008

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन


राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की समुदाय द्वारा निगरानी एक अनूठा प्रयोग है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह कार्यक्रम देश के सिर्फ नौ राज्यों में चल रहा है. झारखंड उनमें एक है, जिसका क्रियान्वयन सिनी (चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट) के जिम्मे है. राज्य के तीन जिलों पलामू, पिश्चमी सिंहभूम और हजारीबाग के नौ प्रखंडों के कुल 135 गांवों में यह कार्यक्रम चल रहा है. पलामू के लेस्लीगंज, चैनपुर एवं पाटन प्रखंड के 45 गांवों में आइडीएफ नामक संस्था इस कार्यक्रम का संचालन कर रही है. पिश्चमी सिंहभूम के चक्रधरपुर, टोन्टो तथा मनोहर प्रखंडों के 45 गांवों में एकजुट नामक संस्था इसका संचालन कर रही है. हजारीबाग के इचाक, कटकमसांडी एवं चुरचु प्रखंड में यह दायित्व नवभारत जागृति केंद्र ने संभाला हैण् सिनी के यूनिट कोआर्डिनेटर डॉ सुरंजन तथा परामशीZ बलराम, गुरजीत के नेतृत्व में भास्कर चक्रवर्ती तथा अभीजित चंदा इस अभियान का दायित्व संभाल रहे हैं. इस अभियान के संचालन के लिए राज्य एवं तीनों जिलों के स्तर पर मेंटरिंग ग्रूप बनाये गये हैं जिनमें राज्य सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अधिकारी तथा सिविल सोसाइटी व समुदाय के प्रतिनिधि शामिल हैं. इन गांवों की स्वास्थ्य स्थितियों को सामने लाने और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के प्रति जनचेतना विकसित करने हेतु आठ पत्रकारों को मीडिया फेलोिशप दी गयी है. फेलोिशप के संयोजक विष्णु राजगढ़िया हैं.